बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 भूगोल बीए सेमेस्टर-3 भूगोलसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 भूगोल सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- जल प्रदूषण की परिभाषा दीजिए। जल प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों का वर्णन करते हुए नियंत्रण के उपाय बताइये।
अथवा
जल प्रदूषण के कारकों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
जल प्रदूषण क्या है?
उत्तर -
जल में किसी भी प्रकार के अवांछित पदार्थ (कार्बनिक, अकार्बनिक, विकिरण, जैविक आदि) की उपस्थिति जिसके कारण जल की विशेषताओं में कमी होकर घातक प्रभाव हो या जल की उपयोगिता में कमी आती है, जल प्रदूषण कहलाता है।
अथवा
'जल की रासायनिक, भौतिक व जैविक विशेषताओं में मुख्यतः मानवीय क्रिया कलापों से ह्रास आ जाना ही जल प्रदूषण है।
जल प्रदूषण के प्रमुख स्रोत तथा उनके दुष्प्रभाव निम्न प्रकार हैं-
1. घरेलू अपमार्जक (Household Detergents) - घरेलू अपमार्जक कपड़े धोने तथा बर्तन मांजने के लिए लगभग सभी घरों में उपयोग में लाये जाते हैं। इन्हें नालों के द्वारा तालाब (ponds). नदियों, इत्यादि में बहा दिया जाता है, जहाँ पर यह प्रदूषण उत्पन्न करते हैं।
(i) घटक (Constitutents) - फॉस्फेट, नाइट्रेट तथा अमोनियम के यौगिक और ऐल्किल बेन्जीन सल्फोनेट ( alkyl benzene sulphonate = ABS ) इत्यादि पदार्थ अपमार्जकों के उपयोग द्वारा जल में संचयित हो जाते हैं।
(ii) प्रभाव (Effects) - इनके निम्नलिखित प्रभाव होते हैं।--
(a) ऐल्किल बेन्जिन सल्फोनेट ( ABS) झाग के रूप में होता है। यह अनिम्नीकरणीय होने के कारण जलाशयों में एकत्रित हो जाता है और जलाशय में रहने वाले जीवधारियों के लिए बाधा उत्पन्न करता है।
(b) अकार्बनिक फॉस्फोरस और नाइट्रोजन शैवाल की वृद्धि के लिए प्रमुख और अत्यावश्यक पदार्थ है। प्रदूषित जल में इनकी अधिक मात्रा एकत्रित हो जाती है। परिणामस्वरूप, शैवालों की अत्यधिक वृद्धि होकर वह जलाशयों की सतह पर फैल जाते हैं। शैवालों की इस अत्यधिक वृद्धि को जल प्रस्फुटन (water bloom) कहा जाता है। इन शैवालों की मृत्यु और इसके पश्चात् उनके कार्बनिक पदार्थों का अपघटन, ऑक्सीजन की कमी उत्पन्न करता है और जलीय प्राणियों की मृत्यु हो जाती है। यह गतिविधियाँ अधिक समय के लिए होती रहने पर जलाशय में कार्बनिक पदार्थ अधिक और जल कम होता रहता है। यह क्रम (process) सुपोषण (eutrophication) कहलाता है।
यह शैवाल अविषाणु पदार्थों का स्राव करते हैं। ऐसे पानी को पीने से घरेलू पशुओं की मृत्यु भी हो जाती है।
(iii) नियंत्रण (Control) - (a) फॉस्फेटों को अवक्षेपित (precipitate) किया जाना चाहिए। चूना (lime) फेरिक क्लोराइड, कैल्शियम ऑक्साइड अथवा हाइड्रॉआक्साइड, फिटकरी ( alum) इत्यादि के उपयोग से फॉस्फोरस का अवक्षेपण करके उसे जलाशयों से हटाया जा सकता है। इस काम के लिए जर्कोनियम (zirconium) सबसे अधिक उपयोगी माना जाता है।
(b) अपमार्जकों में ऐल्किल बेन्जिन सल्फोनेट के स्थान पर लिनीयर ऐल्किल सल्फोनेट (LAS) का प्रयोग किया जाना चाहिए।
2. वाहित मल (Sewage ) - जनसंख्या बढ़ने के कारण जलाशयों में रद्दी, मल-मूत्र, इत्यादि भी अधिक मात्रा में डाले जाने लगे हैं। फलस्वरूप वाहित मल प्रदूषण (sewage pollution) उत्पन्न हो जाता है।
(i) घटक (Constituents) - वाहित मल में कार्बन पदार्थ अत्यन्त प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके अतिरिक्त कार्बनिक फॉस्फोरस पानी में घुलकर अकार्बनिक फॉस्फोरस बना देता है। नाइट्रोजन के यौगिक भी प्रदूषक होते हैं।
(ii) प्रभाव (Effects) - कार्बनिक पदार्थ जीवाणु और कवकों जैसे अपघटकों की वृद्धि को बढ़ाते हैं। जलाशयों में पुनः ऑक्सीजीनीकरण (reoxygenation) की दर विआक्सीजनीकरण (deoxygenation) की तुलना में कम हो जाती है। इन कार्बनिक पदार्थों से प्रचुर पानी में बी. ओ. डी. (B. O. D. = Biological Oxygen Demand) अत्यधिक हो जाती है। यह जीवाणुओं द्वारा अपघटन के लिए ऑक्सीजन की आवश्यक (required) मात्रा होती है। स्वच्छ जल में यह अत्यन्त कम होती है। जलाशयों में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इस प्रकार के जलाशयों का पानी प्रत्येक प्रकार से अनुपयोगी हो जाता है और सड़ाव के कारण आस-पास दुर्गन्ध फैल हो जाती है। संक्रामक रोग फैलने की भी संभावना होती है।
जल प्रदूषण के लिए डाफ्निया (daphnia), ट्राउट ( trout) तथा कुछ अन्य मछलियाँ संवेदनशील होती हैं और प्रदूषण की तीव्रता को दर्शाती हैं।
(iii) नियंत्रण (Control) - कार्बनिक पदार्थों की मात्रा को कम करने के लिए सैप्टिक टैंक ( septic tank), ऑक्सीकरण तालाब ( oxidation pond), फिल्टर स्तर ( filter level) इत्यादि प्रयोग में लाये जाते हैं।
ऑक्सीकरण तालाब एक उथला जलाशय होता है, जिसमें वाहितमल का संचयन करते हैं। प्रकाश की उपस्थिति में तथा कार्बनिक पदार्थों की अधिक उपलब्धि के कारण, शैवाल जीवाणुओं के साथ मिलकर अच्छी वृद्धि करते हैं। जीवाणु अपघटन करते हैं और शैवाल उनसे उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड का प्रकाश संश्लेषण में उपयोग करते हैं तथा निकली हुई ऑक्सीजन के कारण जल का वातावरण दूषित नहीं होता। ऑक्सीकरण तालाब शैवाल और जीवाणुओं के बीच सहजीविता (symbiosis) का उदाहरण है। इस विधि द्वारा संक्रामक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं और कार्बनिक पदार्थों के अपघटन के पश्चात् केवल नुकसान न देने वाले पदार्थ ही रह जाते हैं।
3. औद्योगिक अपशिष्ट (Industrial Waste) - औद्योगिक संस्थान अपने अपशिष्ट पदार्थों को नालों, नदियों इत्यादि के बहते पानी में छोड़ देते हैं। विभिन्न औद्योगिक संस्थानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ अलग-अलग प्रकार के होते हैं। ये पदार्थ संस्थानों में उपयोग किये जाने वाले कच्चे पदार्थों पर निर्भर होते हैं।
(i) घटक (Constituents)
(a) अक्रिय निलम्बन (inert suspensions) जैसे धूल कोयला, इत्यादि।
(b) विष (poison) जैसे अम्ल (acids), क्षार (alkalies) फिनोल (phenol ), साइनाइड ( cyanides) पारा (mercury), लेड (lead) कॉपर, जिन्क, इत्यादि।
(c) अकार्बनिक अपचायी पदार्थ (inorganic reducing susbtances) जैसे फेरस लवण ( ferrous salts). सल्फाइट (sulphite), इत्यादि।
(d) तेल।
(e) कार्बनिक अवशेष (organic residues ) जैसे खेतों, चर्मसंस्कार शालाओं (tanneries), कागज, चीनी, दवाइयाँ, रबड़, कृत्रिम रेशे, इत्यादि के कारखानों से निकलने वाले असंख्य विभिन्न पदार्थ।
(f) गरम पानी इत्यादि।
(ii) प्रभाव (Effects) - औद्योगिक संस्थानों के अपशिष्ट पदार्थों द्वारा पाँच मुख्य प्रभाव उत्पन्न होते हैं।
(a) विषैले पदार्थों की मात्रा में वृद्धि
(b) निलंबित ठोस (suspended solids) पदार्थों की मात्रा का बढ़ना,
(c) अविषैले लवणों (non toxic salts) की मात्रा में वृद्धि,
(d) जल का विऑक्सीजनीकरण (deoxygenation)
(e) जल को गरम करना (heating of water)।
जल में पाये जाने वाले कुछ धातुओं के प्रभाव निम्न प्रकार से हैं -
(a) पारा (Mercury) - यह क्लोरीन, कॉस्टिक सोडा के कारखानों से जल में आता है और जलीय प्राणियों जैसे मछलियों से मनुष्य तक पहुंच जाता है। इसके कारण तंत्रिका तंत्र (nervous system) अव्यवस्थित हो जाता है और घातक ( lethal ) पागलपन उत्पन्न हो जाता है।
(b) लेड (Lead) औद्योगिक कारखानों में अपशिष्ट बाहर निकलने वाले पाइपों से लेड निकल कर जल की सतह पर जमा होता है। यह प्राणियों के ऊतकों में एकत्रित होकर उन्हें पहुँचाता है।
(c) कॉपर और जिन्क (Copper and Zinc) - यह मोलस्का वर्ग के प्राणियों में एकत्रित होते हैं। इनका प्रभाव मोलस्का की वृद्धि, शरीर क्रियाएँ, प्रजनन, इत्यादि पर धीरे-धीरे होता रहता है।
(d) कैडमियम और क्रोमियम (Cadmium and Chromium) - यह समुद्री प्राणियों में एकत्रित होते हैं और उनकी मृत्यु के कारण बन जाते हैं।
(iii) नियंत्रण (Control) कारखानों से बाहर निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ विभिन्न प्रकारों के होने के कारण, प्रत्येक प्रकार के कारखाने के लिए अपशिष्टों के निर्गम गुण, कानून द्वारा निर्धारित किये जाने चाहिए।
जल प्रदूषण नियन्त्रण के उपाय
जल प्रदूषण की समस्या अत्यन्त भयावह है। जल प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं-
(1) जल प्रदूषण का बड़ा कारण औद्योगिक अपशिष्ट है। अतः उद्योगों के बहिःस्राव को जल स्रोतों में छोड़ने से पहले स्रोत पर ही उपचारित किया जाना चाहिए। नवीन उद्योगों के लिए स्थापना के समय ही जल उपचार संयंत्र लगाना अनिवार्य है।
(2) नगर निकायों को सीवर शोधन संयंत्रों की स्थापना कर घरेलू बहिःस्राव एवं वाहित मल जल को उपचारित करके ही छोड़ा जाये।
(3) पर्याप्त संख्या में सार्वजनिक शौचालयों की स्थापना के साथ ही उनके रख-रखाव की उचित व्यवस्था की जाये।
(4) पेयजल स्रोतों की नियमित जाँच, सफाई तथा सुरक्षा के उपाय किये जाने चाहिए।
(5) जलाशयों में आने वाले पोषक तत्वों को नियंत्रित कर शैवालों की वृद्धि को रोका जाना चाहिए।
(6) जल स्रोतों के निकट तथा जल स्रोतों में गन्दगी डालने पर पूर्ण प्रतिबन्ध होना चाहिए। (7) मृत पशुओं तथा शवों के जल में विसर्जन पर पूर्ण रोक लगानी चाहिए। इसके लिए पर्याप्त संख्या में विद्युत शवदाह ग्रहों की स्थापना की जानी चाहिए।
(8) जल के शुद्धिकरण में सहायक जलीय जीवों जैसे- कछुआ, मगर, मछली, घोंघा आदि का संरक्षण किया जाना चाहिए।
(9) जल प्रदूषण नियंत्रण हेतु जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए।
(10) जल प्रदूषण नियंत्रण कानूनों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
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- प्रश्न- पर्यावरण के कौन-कौन से घटक हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण का अर्थ बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण की परिभाषायें बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण के विषय क्षेत्र को बताइए तथा इसके सम्बंध में विभिन्न पहलुओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण के मुख्य तत्व कौन-कौन से हैं? स्पष्टतया समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरण भूगोल के विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण के संघटकों को समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरण के जैविक तत्वों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी की मूलभूत संकल्पनाओं का विस्तृत वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- पारिस्थितिक संतुलन की सुरक्षा हेतु कारगर योजना नीति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी क्या है?
- प्रश्न- पारिस्थितिकी की परिभाषायें बताइये।
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- प्रश्न- मानव पारिस्थितिकी क्या है?
- प्रश्न- ग्रिफिथ टेलर का योगदान क्या है?
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- प्रश्न- निवास्य क्षेत्र के आधार पर पारिस्थितिक तंत्र का वर्गीकरण कीजिए।
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- प्रश्न- मृदा संरक्षण के संदर्भ में विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण के कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण के प्रभाव बताइये।
- प्रश्न- मरुस्थलीय प्रक्रिया के प्रमुख रूपों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण नियंत्रण के उपायों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मरुस्थल कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- भारत के भेद में मरुस्थलीकरण के निरन्तर विस्तार को समझाइये |
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण भारत की मुख्य समस्या है। प्रदूषण समस्या की समीक्षा निम्नलिखित संदर्भ में कीजिए (i) वायु प्रदूषण (ii) जल प्रदूषण।
- प्रश्न- जल प्रदूषण की परिभाषा दीजिए। जल प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों का वर्णन करते हुए नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- जल संरक्षण एवं प्रबन्धन के महत्व की विवेचना करते हुए जल संरक्षण एवं प्रबन्धन की प्रमुख विधियों का विवरण लिखिए।
- प्रश्न- प्रदूषण किसे कहते हैं? वायु प्रदूषण के कारण एवं नियंत्रण का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट से क्या आशय है? ठोस अपशिष्ट के कारणों तथा प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण की परिभाषा बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण के सामान्य कारणों को बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण संतुलन से क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषक क्या है? इनके प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण क्या है?
- प्रश्न- वायु प्रदूषण की परिभाषा बताइये।
- प्रश्न- वायु प्रदूषकों के प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण के स्रोतों को बताइए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- भारत के सन्दर्भ में वायु प्रदूषण की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण का पर्यावरण में प्रभाव को बताइए, तथा विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण रोकने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- जल प्रदूषण की प्रकृति को बताइए।
- प्रश्न- जल प्रदूषण का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- गंगा प्रदूषण पर निबंध लिखिए या गंगा प्रदूषण की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- किन प्रमुख स्रोतों से गंगा का जल प्रदूषित हो जाता है कारण बताइए।
- प्रश्न- गंगा जल प्रदूषण को रोकने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- जल प्रदूषण के प्रभावों को बताइए तथा इन कारकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ध्वनि प्रदूषण के कारण एवं नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मृदा प्रदूषण से आप क्या समझते हैं? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- मृदा की गुणवत्ता में हास या अवनयन किन-किन कारणों से होता है, बताइए?
- प्रश्न- मृदा प्रदूषण के कारकों को बताइए तथा मिट्टी प्रदूषकों के नाम बताइए।
- प्रश्न- मिट्टी प्रदूषण के स्रोतों को बताइए।
- प्रश्न- मिट्टी प्रदूषण के कुप्रभाव बताइए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्टों के घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट प्रदूषण की परिभाषा बताइए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट के स्रोत बताइए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट के प्रकार बताइये तथा प्रत्येक की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्टों का प्रदूषण में क्या योगदान है विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट पदार्थों के निपटान के बारे में सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- ध्वनि प्रदूषक क्या हैं?
- प्रश्न- प्रदूषित पेयजल जनित रोग बताइए?
- प्रश्न- "पर्यावरण प्रदूषण एक अभिशाप है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जल संरक्षण की विधियों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट क्या है?
- प्रश्न- गंगा एक्शन प्लान (GAP) का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- टिहरी उच्च बाँध परियोजना के क्या कारण थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- टाइगर प्रोजेक्ट के विशेष सन्दर्भ में वन्य जीवन परिसंरक्षण की सार्थकता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत की बाघ परियोजना का विस्तार से वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- नर्मदा घाटी परियोजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नर्मदा घाटी से सम्बन्धित पर्यावरणीय चिन्ताएँ क्या हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गंगा एक्शन प्लान की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- टिहरी बाँध परियोजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- टिहरी बाँध परियोजना के क्या उद्देश्य थे?
- प्रश्न- भारत में कितने टाइगर अभयारण्य हैं?
- प्रश्न- भारत में टाइगर प्रोजेक्ट योजना का निर्माण क्यों आवश्यक था?
- प्रश्न- गंगा कार्य योजना (गंगा एक्शन प्लान) के संस्थागत पहल के विषय में बताइए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन को समझना क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- ग्लोबल वार्मिंग क्या है? इसके मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक उष्णता से आप क्या समझते हैं? इसके कारण तथा प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हरित गृह प्रभाव की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हरित गैस के प्रमुख स्रोत बताइए।
- प्रश्न- हरित गृह द्वारा कौन-कौन सी समस्यायें उत्पन्न होती हैं? समझाइए।
- प्रश्न- हरित गृह प्रभाव की रोकथाम को बताइए।
- प्रश्न- ओजोन क्षरण से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- ओजोन परत क्षरण के कारण लिखिए।
- प्रश्न- भूमण्डलीय ताप वृद्धि के प्रभाव क्या है?
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- प्रश्न- भूमण्डलीय तापन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम पृथ्वी सम्मेलन (रियो सम्मेलन) के प्रमुख मुद्दों को बताइए।
- प्रश्न- प्रथम पृथ्वी सम्मेलन के मुद्दों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- भारत पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक जलवायु आकलन आई.पी.सी.सी. पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आई.पी.सी.सी. की मूल्यांकन रिपोर्ट का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल की व्याख्या कीजिए एवं आई.पी.सी.सी. की आकलन रिपोर्ट बताइए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन क्या है एवं इसके कारकों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन के संभावित वैश्विक प्रभाव को बताइए।
- प्रश्न- एशियाई क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना का वर्णन एवं इसके मिशन को भी बताइए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सौर मिशन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उन्नत ऊर्जा दक्षता के लिये राष्ट्रीय मिशन के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- सुस्थित निवास पर राष्ट्रीय मिशन का लक्ष्य बताइए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जल मिशन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुस्थिर हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र हेतु राष्ट्रीय मिशन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हरित भारत हेतु राष्ट्रीय मिशन का लक्ष्य क्या है .
- प्रश्न- सुस्थिर कृषि पर राष्ट्रीय मिशन की व्याख्या करें।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन हेतु रणनीति ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "जलवायु परिवर्तन एवं भारतीय स्थिति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन के सम्बन्ध में भारत और अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन के प्रतिकार के प्रस्ताव की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु हितैषी उपायों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर निगरानी रखने से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अनुसंधान क्षमता और संस्थागत आधारभूत संरचना का निर्माण जलवायु परिवर्तन के लिये क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर शैक्षिक ढाँचा क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप से क्या आशय है? प्राकृतिक एवं मानव जनित प्रकोपों की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप तथा विनाश का अर्थ एवं परिभाषा को बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- प्राकृतिक प्रकोप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मानव जनित प्रकोप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रकोप के प्रति सामाजिक प्रतिक्रिया की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्राकृतिक प्रकोपों तथा आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए प्रबंधन के अन्तर्गत किन- किन पक्षों को सम्मिलित किया जाता है।
- प्रश्न- Idndr के तहत प्रकोप नयूनीकरण कार्यक्रम के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- सूखा प्रकोप से आप क्या समझते हैं? सूखा प्रकोप के प्रभाव बताइये।
- प्रश्न- सूखा नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- बाढ़ प्रकोप से आप क्या समझते हैं? बाढ़ के कारण बताइए।
- प्रश्न- बाढ़ नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भूकम्प प्रकोप का सामान्य परिचय देते हुए उनके प्रभावों को बताइए।
- प्रश्न- भारत के जोखिमकारी अवशिष्टों का प्रबन्धन क्यों आवश्यक है एवं देश में जोखिमकारी अवशिष्टों को पर्यावरणीय अनुकूलन की दृष्टि से प्रबन्धित करने हेतु विभिन्न हस्तक्षेपों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण से जैव विविधता के सामने प्रस्तुत खतरे और समाधान को बताइए।
- प्रश्न- "आक्रामक विजातिय प्रजातियों से नियंत्रित होने का खतरा बना रहता है। कथन की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- प्राकृतिक आपदाओं के प्रकार एवं आपदा प्रबन्धन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कृषि व सिंचाई की दृष्टि से जल की उपलब्धता व सूखे का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सूखा-प्रणत क्षेत्र कार्यक्रम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आपदा के समय क्या करना एवं क्या न करना चाहिए?
- प्रश्न- प्राकृतिक आपदाएँ एवं प्रबन्धन के विषय में बताइए।
- प्रश्न- प्राकृतिक आपदाओं से अत्यधिक प्रभावित राज्य कौन से हैं?
- प्रश्न- सूखा अथवा अनावृष्टि को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- जल की उपलब्धता पर सूखे के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुनामी आपदा क्या है? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय तटों पर सुनामी का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 26 दिसम्बर 2004 का सुनामी आपदा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुनामी द्वारा लाये गये परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 2013 की अनावृष्टि (सूखा) का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- परमाणु आपदा का विवरण दीजिए। इससे होने वाले विनाशों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक आपदा क्या है? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- किसी आपात या रासायनिक आपात स्थिति के दौरान क्या करना चाहिए?
- प्रश्न- नाभिकीय / रेडियोधर्मी प्रदूषण को रोकने के उपाय का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भू-स्खलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।